दशहरे पर बन रहे ये तीन शुभ योग! जानिए पूजा का मुहूर्त और महत्व

नई दिल्ली: नवरात्रि का पावन सप्ताह चल रहा है. इन दिनों माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूरे नौ दिनों तक विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है. नौ दिनों के बाद विजया दशमी या दशहरा का त्योहार मनाया जाता है. दशहरा हिंदुओं के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है क्योंकि ये लंका नरेश रावण पर भगवान राम की जीत का प्रतीक है. आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को Dussehra मनाया जाता है.

क्या है धार्मिक मान्यता?

दशहरे के दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, असुर महिषासुर ने देवताओं के बीच आतंक पैदा किया था, इसलिए उन्होंने भगवान महादेव की मदद मांगी, जिन्होंने तब माता पार्वती को प्रबुद्ध किया और उनके पास असुर को समाप्त करने की शक्ति थी. ये नवरात्रि के आखिरी दिन था, माता दुर्गा (Durga Mata) ने महिषासुर का वध किया और देवताओं को उसके प्रकोप से बचाया. वहीं ये दिन रावण पर भगवान राम की जीत का प्रतीक भी है, जैसा कि पवित्र पुस्तक रामायण (Ramayan) में भी लिखा है कि प्रभु श्रीराम के हाथों रावण का वध होने के बाद से ही दशहरे को मनाने की परंपरा शुरू हुई थी.

कब है दशहरा?

इस साल दशहरा 15 अक्टूबर 2021 दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा. इस बार नवरात्रि 7 अक्टूबर को शुरू हुए थे. इस बार दो तिथियां एक साथ पड़ी थीं जिस वजह से नवरात्रि आठ दिन के ही हैं. इस हिसाब से 14 अक्टूबर को महानवमी है और इसके अगले दिन यानी 15 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा. खास बात ये है कि इस बार दशहरा के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं. शुभ मुहूर्त में पूजा करने से लोगों को लाभ मिलेगा.

दशहरा 2021: तिथि और शुभ मुहूर्त

दिनांक: 15 अक्टूबर, शुक्रवार
विजय मुहूर्त – दोपहर 02:02 से दोपहर 02:48 तक
अपर्णा पूजा का समय – दोपहर 01:16 बजे से दोपहर 03:34 बजे तक
दशमी तिथि प्रारंभ – 14 अक्टूबर 2021 को शाम 06:52 बजे
दशमी तिथि समाप्त – 15 अक्टूबर 2021 को शाम 06:02
श्रवण नक्षत्र प्रारंभ – 14 अक्टूबर 2021 को सुबह 09:36 बजे
श्रवण नक्षत्र समाप्त – 15 अक्टूबर 2021 को सुबह 09:16 बजे

दशहरे पर बन रहे हैं 3 शुभ योग 

दशहरा के दिन इस बार 3 शुभ योग बन रहे हैं. पहला योग रवि योग है जो कि 14 अक्टूबर को शाम 9 बजकर 34 मिनट पर शुरू होगा और 16 अक्टूबर की सुबह 9 बजकर 31 मिनट तक रहेगा. वहीं दूसरा योग सर्वार्थ सिद्ध योग है जो 15 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 2 मिनट से शुरू होकर 9 बजकर 15 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा तीसरा योग कुमार योग है जो कि सुबह सूर्योदय से शुरू होकर 9 बजकर 16 मिनट तक रहेगा. माना जा रहा है कि इस तीनों शुभ योगों के एक साथ बनने से दशहरा पर पूजन काफी शुभ रहेगा.

दशहरे पर कैसे करें पूजन 

दशहरे के दिन (Dussehra) चौकी पर लाल रंग के कपड़े को बिछाकर उस पर भगवान श्रीराम और मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित करें. इसके बाद हल्दी से चावल पीले करने के बाद स्वास्तिक के रूप में गणेश जी को स्थापित करें साथ ही नवग्रहों की स्थापना करें और अपने ईष्ट की आराधना करें. अपने ईष्टों को स्थान दें और लाल फूलों से पूजा करें, गुड़ के बने पकवानों से भोग लगाएं. इसके बाद अपनी इच्छा अनुसार दान-दक्षिणा दें और गरीबों को भोजन कराएं. धर्म ध्वजा के रूप में विजय पताका अपने पूजा स्थान पर लगाएं. दशहरे का त्योहार हमें प्रेरणा देता है कि हमें धर्म, अनीति के खिलाफ लड़ना चाहिए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button